EVM–VVPAT प्रणाली की पारदर्शिता को लेकर लखीसराय में जिलाधिकारी मिथिलेश मिश्र ने प्रेस और मीडिया से बैठक की। मॉक पोल में पत्रकारों ने मशीनों की कार्यप्रणाली को समझा और पाया कि वोट सही दर्ज हो रहे हैं।
Qalam Times News Network
12 अक्टूबर 2025 | संवाददाता: अरुण कुमार द्विवेदी, पटना/लखीसराय
EVM–VVPAT प्रणाली की पारदर्शिता और विश्वसनीयता को लेकर जिला प्रशासन ने प्रेस और मीडिया के प्रतिनिधियों के साथ एक विशेष बैठक आयोजित की। बैठक की अध्यक्षता जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह जिलाधिकारी मिथिलेश मिश्र ने की। यह बैठक पॉलिटेक्निक कॉलेज, लखीसराय में आयोजित की गई, जिसमें प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया के पत्रकारों ने हिस्सा लिया।

EVM–VVPAT प्रणाली कैसे करती है काम
बैठक में EVM–VVPAT प्रणाली की पूरी प्रक्रिया का लाइव प्रदर्शन किया गया। अधिकारियों ने बताया कि एक Ballot Unit में अधिकतम 16 प्रत्याशी (NOTA सहित) दर्ज किए जा सकते हैं। अगर उम्मीदवारों की संख्या इससे ज़्यादा होती है तो अतिरिक्त यूनिट जोड़ी जाती है।
VVPAT (Voter Verifiable Paper Audit Trail) तकनीक के ज़रिए मतदाता को यह देखने का भरोसा मिलता है कि उसका वोट किस प्रत्याशी को गया — यह पर्ची 7 सेकंड तक स्क्रीन पर दिखाई देती है, जिसके बाद वह सीलबंद बॉक्स में स्वतः गिर जाती है।
मशीनें हैं पूरी तरह सुरक्षित और पारदर्शी
जिलाधिकारी मिथिलेश मिश्र ने कहा कि सभी EVM–VVPAT मशीनें tamper-proof हैं और किसी भी तरह से इन्हें बदला या हैक नहीं किया जा सकता।
मतदान शुरू होने से पहले प्रत्येक बूथ पर मॉक पोल कराया जाता है, जिसमें सभी प्रत्याशियों के एजेंटों की मौजूदगी में मशीनों का सत्यापन किया जाता है।
पत्रकारों को भी मौके पर मॉक वोट डालने का अवसर दिया गया। उन्होंने बटन दबाकर वोटिंग की प्रक्रिया देखी और पाया कि वोटिंग मशीनें सटीक तरीके से कार्य कर रही हैं।
जिलाधिकारी का संदेश: लोकतंत्र में मीडिया की भूमिका अहम
बैठक के अंत में जिलाधिकारी मिथिलेश मिश्र ने कहा —“मीडिया लोकतंत्र की आत्मा है। जनता तक निष्पक्ष, तथ्यपरक और भरोसेमंद जानकारी पहुँचाना पत्रकारिता का सबसे बड़ा दायित्व है। निर्वाचन प्रक्रिया में पारदर्शिता तभी संभव है जब मीडिया अपनी भूमिका पूरी जिम्मेदारी से निभाए।”






