पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में गेहूं की आपूर्ति और बाढ़ को देखते हुए धारा-144 लागू कर दी गई है। सरकार का कहना है कि बाढ़ की वजह से आटा संकट पैदा होने की संभावना है। सरकारी आदेश में कहा गया है कि अगले 30 दिन तक गेहूं को लेकर धारा-144 लागू रहेगी और नागरिक केवल आटा मील में गेहूं ले जा सकते हैं।
सरकार के प्रवक्ता के अनुसार, वर्तमान में पंजाब में केवल 1,04,184 मीट्रिक टन गेहूं ही बचा है। बाढ़ की स्थिति को देखते हुए इस बार गेहूं का उत्पादन होने की संभावना कम लग रही है।
सुरक्षा बढ़ाई गई
धारा-144 लागू होते ही चारा मीलों के बाहर सुरक्षा बलों की तैनाती कर दी गई है। चारा मील में गेहूं को पशुओं के खाने के लिए चारा बनाया जाता है। सरकार को आशंका है कि लोग मुर्गी पालन और अन्य पशुपालन के लिए गेहूं का अत्यधिक उपयोग करेंगे जिससे गेहूं की खपत और बढ़ सकती है।
पाकिस्तान में गेहूं की कीमतों में वृद्धि
बाढ़ और आपूर्ति संकट के चलते गेहूं की कीमतों में लगातार वृद्धि हुई है। रिपोर्ट के अनुसार, 1 अगस्त 2025 को गेहूं की कीमत 35 रुपए प्रति किलो थी, जबकि 1 सितंबर 2025 तक यह बढ़कर 97 रुपए प्रति किलो हो गई। सरकार ने धारा-144 के माध्यम से कीमतों में और बढ़ोतरी रोकने की कोशिश की है।
पंजाब में बाढ़ की गंभीर स्थिति
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में चिनाब, सतलुज और रावी नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। बाढ़ के कारण 4 हजार गांवों में पानी भर गया है और 50 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। पूरे पाकिस्तान में बाढ़ से 850 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है।
पाकिस्तान मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की है और राहत कार्यों में सभी दूतावास और अंतरराष्ट्रीय संगठनों को सक्रिय किया गया है। अमेरिकी स्थित पाकिस्तानी दूतावास ने अपने नागरिकों से राहत के लिए योगदान देने की अपील की है।