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विवेक अग्निहोत्री ने की ममता बनर्जी से अपील: “The Bengal Files” को बैन न करें

फिल्म डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से अपील की है कि उनकी नई फिल्म “The Bengal Files” को राज्य में बैन न किया जाए। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर कहा कि यह फिल्म कला और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नज़रिए से देखी जानी चाहिए, न कि राजनीतिक चश्मे से। “The Bengal Files” 1946 के डायरेक्ट एक्शन डे और नोआखाली दंगों पर आधारित है और 5 सितंबर 2025 को रिलीज़ होने वाली है।

The Bengal Files पर विवाद और बंगाल में बैन की आशंका

“The Bengal Files” फिल्म की घोषणा के बाद से ही पश्चिम बंगाल में इसे लेकर विवाद शुरू हो गया था जो अबतक जारी है। राज्य और देश की कुछ राजनीतिक हलकों ने इसे “विभाजनकारी और राजनीतिक” बताया है। इसको लेकर कोलकाता में फिल्म के ट्रेलर लॉन्च और प्रेस इवेंट को रद्द कर दिया गया था। सोशल मीडिया पर भी फिल्म के विरोध और समर्थन में काफी डिबेट हो रहे हैं।

इसी वजह से विवेक अग्निहोत्री ने ममता बनर्जी को सीधा संबोधित करते हुए अपील की कि फिल्म को बैन करने की बजाय जनता पर छोड़ दिया जाए।

विवेक अग्निहोत्री की अपील

अपने वीडियो संदेश में अग्निहोत्री ने कहा:

“फिल्म को उसके कलात्मक दृष्टिकोण से देखा जाना चाहिए, न कि राजनीति की नज़र से। लोकतंत्र में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता सबसे अहम है।”

उन्होंने ममता बनर्जी से अनुरोध किया कि फिल्म को “केवल बंगाल का मसला” मानकर न देखें, बल्कि इसे राष्ट्रीय विमर्श का हिस्सा समझें।

फिल्म की कहानी: 1946 का डायरेक्ट एक्शन डे और नोआखाली दंगे

“The Bengal Files” ऐतिहासिक घटनाओं पर आधारित है—

  • ग्रेट कलकत्ता किलिंग्स (Direct Action Day, 16 अगस्त 1946): इसमें कोलकाता में व्यापक हिंसा और साम्प्रदायिक दंगे हुए थे।

  • नोआखाली दंगे: पूर्वी बंगाल (अब बांग्लादेश) में हिंदू समुदाय पर हिंसक हमले और विस्थापन हुआ।

अग्निहोत्री का दावा है कि फिल्म इन घटनाओं को “युवा पीढ़ी को जागरूक करने और पीढ़ीगत आघात को अभिव्यक्त करने” का अवसर देगी।

कलाकार और निर्माण टीम

फिल्म में कई बड़े कलाकार शामिल हैं:

  • अनुपम खेर

  • मिथुन चक्रवर्ती

  • दर्शन कुमार

  • सिमरत कौर

  • नामोशी चक्रवर्ती

  • पल्लवी जोशी

निर्माण टीम के मुताबिक, फिल्म का उद्देश्य किसी विशेष समुदाय को निशाना बनाना नहीं है, बल्कि ऐतिहासिक सच्चाइयों को सामने लाना है।

“The Kashmir Files” से तुलना

अग्निहोत्री ने “The Kashmir Files” का हवाला देते हुए कहा कि उनकी फिल्में सामाजिक मनोविज्ञान को छूती हैं
उनके शब्दों में:

“मैं पूरी भारतीय समाज का मनोचिकित्सक बनकर काम कर रहा हूँ। The Kashmir Files से कश्मीरी पंडितों को राहत मिली। इस फिल्म ने उनके हीलिंग प्रोसेस की शुरुआत की। उसी तरह The Bengal Files भी ऐतिहासिक घावों को स्वीकार करने और उन्हें समझने का माध्यम बनेगी।”

विरोध क्यों?

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि:

  • पश्चिम बंगाल का राजनीतिक परिदृश्य पहले से ही संवेदनशील है।

  • धार्मिक और ऐतिहासिक घटनाओं पर आधारित फिल्में अक्सर राजनीतिक ध्रुवीकरण को बढ़ावा देती हैं।

  • ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) हमेशा से “सांप्रदायिक सद्भाव” पर ज़ोर देती आई है।

इसलिए विपक्ष को आशंका है कि फिल्म से राज्य में तनावपूर्ण माहौल बन सकता है।

समर्थक क्या कहते हैं?

फिल्म के समर्थकों का कहना है कि—

  • “इतिहास को दबाने से समाज ठीक नहीं होता, बल्कि और भ्रम पैदा होता है।”

  • “यदि The Kashmir Files को दर्शकों ने देखा और सराहा, तो The Bengal Files को भी जनता के विवेक पर छोड़ देना चाहिए।”

  • “कला और सिनेमा पर बैन लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ़ है।”

रिलीज़ डेट

“The Bengal Files” 5 सितंबर 2025 को रिलीज़ होने वाली है।
अब देखना यह होगा कि:

  • क्या पश्चिम बंगाल सरकार फिल्म पर रोक लगाती है या नहीं।

  • फिल्म देशभर में किस तरह की प्रतिक्रिया पाती है।

  • और क्या यह फिल्म भी The Kashmir Files की तरह राष्ट्रीय बहस का हिस्सा बनेगी।

विवेक अग्निहोत्री की अपील ने The Bengal Files को रिलीज़ से पहले ही सुर्खियों में ला दिया है। यह फिल्म केवल एक सिनेमाई प्रोजेक्ट नहीं, बल्कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बनाम राजनीतिक सेंसरशिप की बहस का प्रतीक बन गई है।
आने वाले दिनों में यह साफ़ होगा कि लोकतंत्र और कला के बीच संतुलन कौन-सी दिशा लेता है।

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