भारत में शीतलहर का प्रकोप बढ़ने वाला है। मौसम विभाग ने अगले 5 दिनों के लिए शीतलहर और बारिश का अलर्ट जारी किया है। उत्तर भारत समेत कई राज्यों में तापमान में भारी गिरावट संभव।
By Qalam Times News Network
नई दिल्ली | 12 नवंबर 2025
उत्तर भारत में शीतलहर का अलर्ट
शीतलहर ने नवंबर के दूसरे सप्ताह में ही दस्तक दे दी है। मौसम विभाग (IMD) ने चेतावनी जारी की है कि उत्तर भारत के कई हिस्सों में अगले पांच दिनों तक शीतलहर का प्रभाव देखने को मिलेगा। इस दौरान तापमान में भारी गिरावट दर्ज की जाएगी और कई इलाकों में कोहरे की मोटी परत छा सकती है। मध्यप्रदेश, हरियाणा, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में 15 नवंबर तक शीतलहर चलेगी जबकि दक्षिण भारत के कुछ हिस्सों—खासकर तमिलनाडु—में बारिश की संभावना जताई गई है।
पूरे देश में बढ़ी ठंड और कोहरे का असर
नवंबर का दूसरा सप्ताह शुरू होते ही देश के अलग-अलग हिस्सों में ठंड ने रफ्तार पकड़ ली है। वहीं शीतलहर का असर उत्तर भारत के अलावा ओडिशा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, असम, मेघालय, हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ़ तक दिखेगा। कोहरे की वजह से विज़िबिलिटी प्रभावित होगी, जिससे आमजन के साथ-साथ ट्रैफिक व्यवस्था पर भी असर पड़ सकता है।
मौसम विभाग ने इन राज्यों के लिए येलो अलर्ट जारी करते हुए लोगों को सावधान रहने की सलाह दी है। विभाग ने बताया कि 15 नवंबर तक तापमान औसत से नीचे जाने की पूरी संभावना है।
शीतलहर से सेहत पर खतरा, बुजुर्गों और बच्चों को सतर्क रहने की सलाह
शीतलहर के चलते बुजुर्गों, बच्चों और पहले से बीमार लोगों के लिए यह मौसम चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है। ठंड की तीव्रता से सर्दी-जुकाम, बुखार और फेफड़ों की बीमारियां बढ़ सकती हैं। जिन लोगों को अस्थमा या एलर्जी की शिकायत है, उन्हें इस दौरान विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है।
दिल्ली और आसपास के इलाकों में तापमान गिरते ही प्रदूषण का स्तर भी बढ़ रहा है, जिससे सांस संबंधी समस्याओं में इज़ाफा देखा जा रहा है। विशेषज्ञों ने नागरिकों को सुबह-शाम बाहर निकलते समय गर्म कपड़े पहनने, धुएं से बचने और घरों को हवादार रखने की सलाह दी है।
दक्षिण भारत में बारिश, उत्तर भारत में पाला पड़ने की संभावना
जहां उत्तर भारत शीतलहर की चपेट में है, वहीं दक्षिण भारत के कई राज्यों में बारिश की स्थिति बन रही है। तमिलनाडु और केरल में अगले कुछ दिनों तक हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। हिमालयी राज्यों में बर्फबारी के आसार हैं, जिससे पाले की स्थिति भी बन सकती है।
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ और ठंडी हवाओं का प्रभाव नवंबर के तीसरे सप्ताह तक बना रह सकता है।






