कायदे उर्दू शमीम अहमद का संदेश: ओवैसी-प्रशांत किशोर के मोह से बचें और तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाने में दम लगाएं।
बिहार में सामाजिक न्याय की नई आवाज़ — शमीम अहमद का बयान, मुसलमानों से अपील कि वे ओवैसी और प्रशांत किशोर के भ्रम से बचें और तेजस्वी यादव के नेतृत्व में महागठबंधन को समर्थन दें।
Qalam Times News Network
पटना / छपरा, 29 अक्टूबर 2025
सामाजिक न्याय पर जोर देते हुए, कायदे उर्दू शमीम अहमद ने छपरा में महागठबंधन के पक्ष में ज़ोरदार अपील की। उन्होंने कहा कि मुसलमानों को अस्थायी भावनाओं या किसी नेता-विज्ञापन के बहकावे में नहीं आना चाहिए बल्कि अपने बच्चों के भविष्य को ध्यान में रख कर ऐसी ताकतों का साथ देना चाहिए जो सच्चर कमेटी की सिफारिशें लागू करने और पिछड़े तबकों-पसमांदा मुसलमानों के उभार पर काम करेंगी।

शमीम ने अपने भाषण में फिर दोहराया कि महागठबंधन का दिए गए मेनिफेस्टो में हर वर्ग का ख्याल रखा गया है और खास तौर पर अल्पसंख्यकों के लिये ठोस प्रावधान हैं। उन्होंने बताया कि तेजस्वी यादव ने सच्चर कमेटी के प्रस्तावों को लागू करने और पसमांदा मुसलमानों के उठान के लिए विशेष योजनाएँ देने का वादा किया है — यही वजह है कि लोगों को अब सेकुलर और समाजवादी विकल्प को मजबूत करना चाहिए।
उन्होंने चेतावनी भी दी कि बैरिस्टर असदुद्दीन ओवैसी और प्रशांत किशोर जैसी शख्सियतें मुसलमानों के बीच भ्रम फैलाकर वोट बटोरने की कोशिश कर रही हैं, जो लंबे समय में सेकुलर ताकतों को कमजोर कर सकती हैं। शमीम का कहना था कि अगर ये लोग वाकई मुसलमानों के हितैशी होते तो वे सेकुलर गठजोड़ को मज़बूत करने में हाथ बंटाते, न कि उसे तोड़ने की रणनीति अपनाते।
“सामाजिक न्याय की राह पर बिहार — शमीम अहमद बोले, मुसलमानों को भ्रम से निकलकर महागठबंधन के साथ खड़ा होना होगा”
छपरा में हुए चुनावी सभा में शमीम अहमद ने महागठबंधन के प्रति भरोसा जताया और दावा किया कि इस बार गठबंधन 10 में 9 सीटों पर विजय प्राप्त करेगा। वे कहते हैं कि बिहार की लंबी राजनैतिक लड़ाई में जो सामाजिक न्याय का मार्ग बनाया गया था, उसे तेजस्वी यादव आगे बढ़ा रहे हैं — और यही कारण है कि मुसलमानों को सोच-समझकर मतदान करना चाहिए।
शमीम की अपनी राजनीतिक वादविवरणी पहचान भी उल्लेखनीय है: उन्होंने उर्दू भाषा को लेकर अपने संघर्ष, मानवाधिकारों के लिये लड़ाइयाँ और जेल में फंसे लोगों की मदद करने की घटनाओं का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि अगर महागठबंधन सत्ता में आता है तो उर्दू के प्रचार-प्रसार, उर्दू अखबारों के विज्ञापन और भाषा की स्थिति सुधारने के लिए भी योजनाएँ लागू होंगी।
समूचे भाषण का संदेश साफ था: मुसलमानों को अपनी आत्म-पहचान, भाषा और भविष्य की सुरक्षा के लिहाज से महागठबंधन के साथ खड़ा होना चाहिए और किसी भी तरह के फरेब या तात्कालिक लाभ के जाल में नहीं फँसना चाहिए। शमीम ने लोगों से यह भी कहा कि इस बार चुनिंदा गलतियाँ भविष्य में भारी पड़ सकती हैं — इसलिए सोच-समझकर वोट दें।
अंत में शमीम ने जनसमर्थन का आह्वान करते हुए कहा कि 14 तारीख़ को बिहार में “नया सूरज” उ उभरेगा — जो तेजस्वी यादव के रूप में नई दिशा देगा और पूरे राज्य में एक नई सोच फैलाएगा। महागठबंधन का मेनिफेस्टो पढ़ाई, दवाई, रोज़गार, सिंचाई और सुशासन के वादों के साथ बदलाव का वादा कर रहा है और शमीम का कहना है कि इसे लागू करने के लिए वोटिंग ज़रूरी है।






