कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण से ठीक पहले भाजपा-जदयू सरकार के 20 वर्षों के शासन की नाकामियों और भ्रष्टाचार पर बड़ा खुलासा किया। उन्होंने कहा कि बिहार की बेरोज़गारी, पलायन और भ्रष्टाचार की जड़ एनडीए की सत्ता है, जिसे उखाड़ फेंकना अब जनता की ज़िम्मेदारी है।
Qalam Times News Network
05 नवंबर 2025 | स्थान: पटना, बिहार
“भाजपा-जदयू को हराइए, बिहार खुद बदल जाएगा” – जयराम रमेश
पटना। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद जयराम रमेश ने मंगलवार को बिहार की एनडीए सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि अगर राज्य से बेरोज़गारी, पलायन, भ्रष्टाचार और गुंडा राज खत्म करना है, तो भाजपा-जदयू को सत्ता से बाहर करना होगा।
उन्होंने कहा कि खुलासा यही दिखाता है कि बीते 20 वर्षों में एनडीए सरकार ने बिहार के साथ छल, अन्याय और उपेक्षा की पराकाष्ठा कर दी है। “नीतीश कुमार और भाजपा के शासन में बिहार का उज्ज्वल भविष्य अंधकार में धकेल दिया गया,” उन्होंने कहा।
पहला बड़ा खुलासा – युवाओं का भविष्य लाठियों में कुचला गया
जयराम रमेश ने बताया कि राज्य में पिछले वर्षों में दस से अधिक भर्ती और प्रवेश परीक्षाएँ लीक हुईं। लाखों युवाओं का भविष्य बर्बाद हुआ और जब वे न्याय मांगने निकले तो पुलिस ने उन पर बेरहमी से लाठियाँ बरसाईं।
एक स्टिंग ऑपरेशन ने खुलासा किया कि बिहार में 20 से 50 लाख रुपये तक में पेपर और डिग्री बेची जाती हैं।
रोज़गार और अर्थव्यवस्था पर एनडीए का विफल मॉडल
उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार की गलत नीतियों के कारण 3 करोड़ से अधिक बिहारियों को रोज़गार के लिए दूसरे राज्यों में पलायन करना पड़ा। मोदी सरकार के ही ई-श्रम पोर्टल के आँकड़े इसका सबूत हैं।
जातिगत सर्वे के अनुसार 64% आबादी रोज़ाना केवल 67 रुपये में जीवन यापन कर रही है — बिहार देश का सबसे निर्धन राज्य बन गया है।
भ्रष्टाचार का जाल और अपराध का साम्राज्य
जयराम रमेश ने अपने खुलासा में कहा कि बिहार में हर दिन औसतन 8 हत्याएँ, 33 अपहरण और 136 जघन्य अपराध होते हैं।
उन्होंने बताया कि CAG की रिपोर्ट में 70,000 करोड़ रुपये के घोटाले का ज़िक्र है और सिर्फ पिछले तीन वर्षों में 27 पुल ढह चुके हैं।
“यह है डबल इंजन की सरकार का विकास!” — रमेश ने तंज कसा।
शिक्षा, स्वास्थ्य और उद्योग में बदहाली
कांग्रेस नेता ने कहा कि बिहार की शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह चरमरा चुकी है —
- ड्रॉपआउट रेट 26% (देश में सबसे ज़्यादा)
- 1,16,000 से अधिक स्कूलों में बिजली नहीं
- 2,637 स्कूलों में केवल एक शिक्षक
- और 117 स्कूल तो बिना छात्र के चल रहे हैं।
उच्च शिक्षा का हाल भी बुरा है — 1 लाख की आबादी पर सिर्फ 7 कॉलेज हैं, जबकि राष्ट्रीय औसत 30 है।
स्वास्थ्य सेवाओं में 60% स्टाफ की कमी और 93% अस्पतालों में बिस्तरों की भारी कमी है।
किसान, महिला और गरीब सब ठगे गए
कुसुम योजना से किसानों को कोई लाभ नहीं मिला। माइक्रोफाइनेंस के नाम पर महिलाओं को कर्ज़ के जाल में फँसाया गया।
मनरेगा में फ़र्ज़ी हाज़िरी और मृतकों के नाम पर भुगतान जैसे घोटाले आम हो चुके हैं।
जयराम रमेश का सीधा संदेश:
“बिहार में भाजपा-जदयू को हराइए — बेरोज़गारी, पलायन, भ्रष्टाचार और गुंडा राज अपने आप खत्म हो जाएगा।”
उन्होंने कहा कि जनता अब सब जान चुकी है और इस बार बिहार बदलाव के मूड में है।






