English Qalam Times

सऊदी अरब में भीषण...

सऊदी अरब में भीषण हादसा: मक्का से मदीना जा रही बस डीज़ल टैंकर...

वोट शेयर में RJD...

बिहार चुनाव 2025 में वोट शेयर के आधार पर RJD 23% वोट के...

जातीय समीकरण ने तय...

बिहार चुनाव 2025 में जातीय समीकरण का बड़ा असर दिखा। जानिए 2015 और...

Legacy पुनर्स्थापित: शमीम अहमद...

नेहरू की जन्म-जयंती पर शमीम अहमद ने उनके स्थायी legacy को दोबारा रेखांकित...
HomeBIhar “एनडीए के शासन में सरकार प्रायोजित जंगलराज का जीता-जागता उदाहरण है दुलारचंद...

 “एनडीए के शासन में सरकार प्रायोजित जंगलराज का जीता-जागता उदाहरण है दुलारचंद यादव की हत्या” — अब्दुल बारी सिद्दीकी

“जंगलराज” पर बड़ा बयान — अब्दुल बारी सिद्दीकी ने कहा कि एनडीए शासन में दुलारचंद यादव की हत्या बिहार में सरकार प्रायोजित जंगलराज का जीता-जागता उदाहरण है; अपराध, लूट और पुलिस संरक्षण पर लगाए गंभीर आरोप।

क़लम टाइम्स न्यूज़ नेटवर्क |03 नवम्बर 2025 | पटना

जंगलराज — यही वह शब्द है जिसे राजद के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव अब्दुल बारी सिद्दीकी ने एक बार फिर जोर देकर कहा है। उन्होंने दुलारचंद यादव की हत्या को बिहार में एनडीए शासन के दौरान सरकार प्रायोजित और समर्थित जंगलराज की कड़ी बताया। सिद्दीकी ने कहा कि हत्या, लूट, अपहरण, डकैती और संगठित अपराध की घटनाएं पिछले कुछ वर्षों में बेतहाशा बढ़ी हैं। इसके बावजूद प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और एनडीए के नेता अब भी सामाजिक न्याय की सरकार पर जंगलराज का आरोप लगाने से नहीं थकते।

सिद्दीकी ने कहा कि असल जंगलराज वह होता है जब कानून को काम नहीं करने दिया जाता — और यही इस हत्या में हुआ। उन्होंने बताया कि दुलारचंद यादव की हत्या के मामले में पुलिस ने न सिर्फ देरी की बल्कि सबूतों को नष्ट होने दिया।

कानून को काम नहीं करने दिया गया: सिद्दीकी ने रखे तीन बिंदु

1️⃣ पहला बिंदु:
कानून यह कहता है कि किसी भी संज्ञेय अपराध के मामले में पुलिस को स्वतः एफआईआर दर्ज करनी चाहिए और तुरंत घटनास्थल पर पहुंचना चाहिए। लेकिन इस मामले में पुलिस ने इतनी देरी की कि सबूत नष्ट हो गए या कर दिए गए।

2️⃣ दूसरा बिंदु:
ग्रामीण एसपी और एसडीपीओ ने स्वयं कहा कि “एफआईआर दर्ज नहीं हुई क्योंकि कोई शिकायत नहीं मिली।” जबकि यह पूरी तरह अवैध था — एफआईआर स्वतः दर्ज होनी चाहिए थी।

3️⃣ तीसरा बिंदु:
हत्या के बाद जारी प्रेस विज्ञप्ति में पुलिस ने दुलारचंद यादव को अपराधी बताते हुए उनके मुकदमों की गिनती तो दी, पर अनंत सिंह को “विधायक” बताकर पहले ही क्लीन चिट दे दी।

सिद्दीकी ने कहा, इन तीनों बिंदुओं से यह साफ है कि कानून को जानबूझकर अपना काम नहीं करने दिया गया — यही असली जंगलराज है।”

चुनाव आयोग भी ‘Sponsored जंगलराज’ का हिस्सा: सिद्दीकी का आरोप

सिद्दीकी ने कहा कि अब तो चुनाव आयोग भी केंद्र सरकार की एजेंसी बन चुका है, और उसका sponsored जंगलराज बिहार में जारी है। उन्होंने कहा कि आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद भी अनंत सिंह का 40 गाड़ियों का काफिला खुलेआम हथियारों के साथ चलता रहा और चुनाव आयोग सोता रहा।

उन्होंने आरोप लगाया कि नीतीश सरकार ने जाति और राजनीतिक निष्ठा के आधार पर अधिकारियों की पोस्टिंग की, और एनडीए के विधायकों, सांसदों तथा संभावित उम्मीदवारों से सिफारिश लेकर तबादले किए। “यह सब कुछ मोदी–नीतीश की जोड़ी द्वारा चलाया जा रहा सरकारी जंगलराज है,” सिद्दीकी ने कहा।

NCRB के आँकड़े गवाही दे रहे हैं: अपराध तीन गुना बढ़ा

सिद्दीकी ने आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा,

“साल 2004 में बिहार में संज्ञेय अपराधों की संख्या 1,15,216 थी, जबकि 2024 में यह बढ़कर 3,52,000 से भी ज्यादा हो गई — यानी साढ़े तीन गुना।”

उन्होंने कहा कि यह तब का आंकड़ा है जब कई अपराधों की एफआईआर दर्ज ही नहीं होती। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री आवास से ही पुलिस और प्रशासन में ट्रांसफर–पोस्टिंग का कारोबार चल रहा है। “यह पूरा अपराध उद्योग सरकारी संरक्षण में फल-फूल रहा है,” उन्होंने कहा।

राज्य के विकास की बातें सिर्फ वादे बनकर रह गईं

सिद्दीकी ने कहा, “प्रधानमंत्री और गृहमंत्री बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की बात तो भूल गए। अब डबल इंजन की सरकार को एक दशक हो गया, पर न राज्य को दर्जा मिला, न उद्योग।”

उन्होंने गृहमंत्री अमित शाह के उस बयान की याद दिलाई जिसमें उन्होंने कहा था कि बिहार में औद्योगिकीकरण संभव नहीं क्योंकि यहां जमीन उपलब्ध नहीं है।

“अब चुनाव आते ही वादों और घोषणाओं का झुनझुना बजाया जा रहा है,” उन्होंने तंज कसा।

सिद्दीकी ने कहा कि नवंबर 2024 में बिहार में दो SEZ (Special Economic Zone) घोषित किए गए थे, लेकिन आज तक सिर्फ कागजों पर हैं — निवेश शून्य है और सारी राशि गुजरात चली गई।

चुनाव आयोग से निष्पक्ष कार्रवाई की मांग

जंगलराज

राजद नेता ने मांग की कि चुनाव आयोग अपना संवैधानिक दायित्व निभाए, आदर्श आचार संहिता का पालन सुनिश्चित करे और एनडीए नेताओं पर कार्रवाई करे जो खुलेआम नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं।

उन्होंने दुलारचंद यादव की हत्या की निष्पक्ष और त्वरित जांच तथा स्पीडी ट्रायल कराकर दोषियों को सजा दिलाने की मांग की।राजद के प्रदेश अध्यक्ष मंगनीलाल मंडल, उपाध्यक्ष डॉ. तनवीर हसन, राष्ट्रीय महासचिव बीनू यादव, प्रदेश प्रवक्ता चित्तरंजन गगन और सारीका पासवान

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments