बिहार चुनाव 2025 के दूसरे चरण में सत्ता की चाबी पर निर्णायक मुकाबला—शाहाबाद, मगध और सीमांचल की सीटें तय करेंगी जीत का गणित। पढ़ें पूरी रिपोर्ट क़लम टाइम्स न्यूज़ नेटवर्क पर।
क़लम टाइम्स न्यूज़ नेटवर्क
पटना | 13 नवंबर 2025
सत्ता की चाबी को लेकर एनडीए और महागठबंधन की सीधी टक्कर
चाबी इस बार सिर्फ प्रतीक नहीं, बल्कि पूरे चुनावी समीकरण का असली केंद्र बन चुकी है।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का दूसरा चरण बेहद जोशीला और पूरी तरह रणनीतिक टकराव वाला रहा। एनडीए और महागठबंधन दोनों ही “अंतिम वार, नहीं स्वीकार हार” की सोच के साथ मैदान में थे।
सबसे ज्यादा निगाहें तीन इलाकों पर टिकी रहीं—शाहाबाद, मगध और सीमांचल—जहाँ मतदान भी काफ़ी अधिक हुआ और अंदाज़ा लग रहा है कि सत्ता की लड़ाई की असली चाबी यहीं से निकलेगी।
शाहाबाद—जहाँ 2020 में एनडीए को सबसे बड़ा झटका लगा
शाहाबाद में भोजपुर, रोहतास, कैमूर और बक्सर शामिल हैं।
2020 में कुल 22 सीटों में से एनडीए सिर्फ 2 सीटें (बड़हरा और आरा) बचा पाई थी, बाकी सभी पर महागठबंधन का कब्ज़ा रहा।
कई जिलों—किमूर, रोहतास और बक्सर—में तो एनडीए शून्य पर रही थी।
इस बार एनडीए की योजना साफ है: इन इलाकों से कुछ नई सीटें जीतकर पिछला नुकसान कम किया जाए।
मगध—26 में सिर्फ 5, इस बार बदला लेने की तैयारी
मगध क्षेत्र में गया, जहानाबाद, अरवल और औरंगाबाद आते हैं। 2020 में 26 में से केवल 5 सीटें एनडीए की झोली में गईं, जिनमें से चार केवल गया जिले की थीं।बाकी सीटों पर महागठबंधन का दबदबा था।
इस बार एनडीए खास तौर पर उन 21 सीटों पर अपनी रणनीति कस चुका है, जहाँ उसे पिछले चुनाव में हार मिली थी।
सीमांचल—संवेदनशील इलाका, लेकिन एनडीए इस बार ज्यादा आक्रामक
सिमांचल—पूर्णिया, कटिहार, अररिया और किशनगंज—हमेशा से चुनावी दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है।
20 सीटों में से इस समय 12 सीटें एनडीए के पास हैं, लेकिन किशनगंज में वह अब तक खाता भी नहीं खोल पाई।
इसी वजह से इस बार एनडीए ने विकास, सीमा सुरक्षा और घुसपैठ के मुद्दों पर खुलकर प्रचार किया और अपना प्रभाव बढ़ाने की कोशिश की।
तीनों इलाकों की तस्वीर से ही तय होगा सत्ता का रास्ता
कुल मिलाकर, शाहाबाद, मगध और सीमांचल के नतीजे इस बार एनडीए के लिए निर्णायक साबित हो सकते हैं।
जितनी अधिक सीटें इन इलाकों से मिलेंगी, उतनी ही आसान होगी एनडीए की सत्ता तक पहुँचने की राह।
और अगर महागठबंधन ने अपना पुराना प्रभाव दोहराया, तो कहानी पूरी तरह पलट भी सकती है।






