जम्मू-कश्मीर के हजरतबल दरगाह में शुक्रवार को राष्ट्रीय प्रतीक अशोक चिन्ह के साथ लगे नवीनीकृत पट्टे को तोड़ा गया जिससे धार्मिक और राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया। इस घटना के बाद वक्फ बोर्ड की चेयरपर्सन डॉ. दरक़शां अंद्राबी ने जिम्मेदारों के खिलाफ FIR दर्ज करने और कार्रवाई करने की मांग की।
हजरतबल मस्जिद में अशोक चिन्ह विवाद
पट्टे को तोड़ने वाले कुछ अज्ञात लोगों ने इसकी मस्जिद में मौजूदगी का विरोध किया। राष्ट्रीय कांफ्रेंस (NC) के प्रवक्ता और ज़दीबल विधायक तनवीर सादिक़ ने कहा कि धार्मिक स्थल पर किसी मूर्तिकला या प्रतीक का होना इस्लाम के सिद्धांतों के खिलाफ है। उन्होंने एक्स (X) पर लिखा, “हजरतबल दरगाह में किसी मूर्तिकला का होना हमारे विश्वास के सिद्धांत तौहीद के खिलाफ है। पवित्र स्थानों पर केवल तौहीद का प्रतिबिंब होना चाहिए, कुछ और नहीं।”
वक्फ बोर्ड प्रमुख की प्रतिक्रिया: यह दरगाह के दिल पर चोट है
डॉ. दरक़शां अंद्राबी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “यह केवल पत्थर को नुकसान नहीं, यह दरगाह के दिल पर चोट है। यह संविधान पर हमला है। जिन लोगों ने पट्टे को तोड़ा, वे राजनीतिक विरोधियों के इशारे पर काम कर रहे थे। दशकों बाद हजरतबल को सजाया-संवारा गया, इसे पूरे वादी, भारत और विदेशों में देखा गया, लेकिन कुछ राजनीतिक ताकतें इसे पचा नहीं सकीं।”
अंद्राबी ने कहा कि वक्फ बोर्ड ने पूरे एक साल तक हजरतबल दरगाह के पुनर्निर्माण और सौंदर्यीकरण का काम किया, जिसे हाल ही में ईद-ए-मिलाद-उन-नबी पर पूरा कर उद्घाटन किया गया।
जानलेवा धमकियाँ और राजनीतिक विवाद
इस घटना के बाद द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने सोशल मीडिया पर डॉ. अंद्राबी को जान से मारने की धमकी दी। रिपोर्ट के अनुसार TRF ने सोशल मीडिया पर लिखा:
“यह गंदगी दरक़शां अंद्राबी, RSS की कठपुतली, अपनी असली रंगत दिखा चुकी है। इस बार उसे और उसके परिवार को छोड़ा नहीं जाएगा। पहले उसके अपनों को मारा जाएगा ताकि वह दर्द महसूस कर सके।”
एक अन्य संदेश में कहा गया:
“अंद्राबी, तुम्हारे दिन गिने-चुने रह गए हैं। पूरा कश्मीर तुम्हारे और तुम्हारे आकाओं की गंदी साजिशों के खिलाफ खड़ा है। पीपुल्स रेजिस्टेंस तुम्हें देख रहा है और इस बार तुम्हारी गद्दारी बिना सजा के नहीं जाएगी।”
डॉ. अंद्राबी ने कहा कि इस घटना को राजनीतिक षड्यंत्र के तहत देखा जाना चाहिए। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर जिम्मेदारों के खिलाफ FIR दर्ज नहीं की गई और गिरफ्तारी नहीं हुई, तो वे अनशन पर बैठेंगी।
अन्य राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ
श्रीनगर सांसद आगा रूहुल्लाह मेहदी ने उन लोगों का समर्थन किया जिन्होंने पट्टा हटाया। उन्होंने कहा कि यह धार्मिक स्थल का राजनीतिक प्रदर्शन के लिए इस्तेमाल था। उन्होंने एक्स पर लिखा, “हजरतबल में अहंकार को बड़ा करने का प्रयास भक्ति नहीं, बल्कि अहंकार है। यह पवित्र स्थल सदियों से खड़ा है और किसी का नामप्लेट इसकी वैधता साबित नहीं कर सकता। लोग सही रूप से इस प्रयास से आहत हुए।”
मेहदी ने आगे कहा, “हजरतबल का पुनर्निर्माण पहले भी हुआ है, लेकिन किसी ने ऐसा तरीका नहीं अपनाया कि अपने आप को श्रेय देने की कोशिश की जाए। PSA के इस्तेमाल की बात केवल चोट बढ़ाती है। यह लोगों के प्रिय स्थल के प्रति हमला है।”