मुंबई में गणेशोत्सव के बीच आई धमकी भरी खबर ने पूरे शहर को दहशत में डाल दिया। पुलिस को व्हाट्सऐप पर संदेश मिला कि 14 पाकिस्तानी आतंकवादी शहर में घुस चुके हैं और 34 गाड़ियों में 400 किलो आरडीएक्स लगाया गया है। साथ ही धमाकों से “एक करोड़ लोगों को मारने” की योजना का दावा किया गया। लेकिन जांच में जो सच सामने आया उसने सबको हैरान कर दिया। धमकी भेजने वाला कोई आतंकी नहीं बल्कि बिहार का रहने वाला अश्विनी कुमार निकला जिसने यह संदेश अपने मुस्लिम दोस्त फिरोज़ को फंसाने के लिए भेजा था।
गुरुवार रात को यह संदेश मुंबई ट्रैफिक पुलिस के हेल्पलाइन नंबर पर मिला। संदेश में ‘लश्कर-ए-जिहादी’ नामक संगठन का भी जिक्र किया गया था। इस वजह से पुलिस ने तुरंत पूरे शहर को हाई अलर्ट पर डाल दिया और बड़े पैमाने पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी। एक पुलिस अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, “उसने खुद को फिरोज़ बताकर मुंबई पुलिस को धमकी संदेश भेजा ताकि बदला ले सके और उसे झूठे मामले में फंसा सके।”
जांच में पता चला कि अश्विनी कुमार और फिरोज़ पहले दोस्त थे लेकिन 2023 में पटना के फुलवारी शरीफ थाने में फिरोज़ ने अश्विनी के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। इस केस की वजह से अश्विनी तीन महीने जेल में भी रहा। यही रंजिश उसने अब इस तरह की खतरनाक हरकत से निकालनी चाही। वह चाहता था कि पुलिस फिरोज़ को आतंकवादी समझकर गिरफ्तार कर ले।
मुंबई पुलिस ने तुरंत तकनीकी जांच शुरू की और संदेश भेजने वाले की लोकेशन नोएडा में ट्रेस की। इसके बाद मुंबई पुलिस ने नोएडा पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह से संपर्क किया। संयुक्त टीम ने नोएडा सेक्टर-113 से अश्विनी को गिरफ्तार कर लिया। नोएडा के अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त सुमित शुक्ला ने बताया, “अश्विनी कुमार को मुंबई पुलिस ने शुक्रवार देर रात गिरफ्तार किया और जरूरी कागज़ी कार्यवाही के बाद मुंबई भेज दिया गया।”
पुलिस ने अश्विनी के पास से सात मोबाइल फोन, तीन सिम कार्ड, मेमोरी कार्ड और अन्य इलेक्ट्रॉनिक सामान बरामद किया है। शुरुआती पूछताछ में उसने स्वीकार किया कि धमकी संदेश भेजकर वह सिर्फ अपने पुराने मुस्लिम दोस्त को फंसाना चाहता था। यह घटना इस बात की मिसाल है कि किस तरह निजी रंजिश निकालने के लिए भी लोग साम्प्रदायिक रंग देकर पूरे समाज में भय और अविश्वास फैलाने की कोशिश कर सकते हैं।
मुंबई पुलिस ने कहा, “शुक्रवार को शहर को हाई अलर्ट पर रखा गया जब पुलिस को यह संदेश मिला कि ‘मानव बम’ 400 किलो आरडीएक्स के साथ 34 गाड़ियों में लगाए गए हैं और धमाका करके पूरे शहर को हिला देने की योजना बनाई गई है।” हालांकि बाद में जांच से साफ हुआ कि मामला झूठी धमकी का था। बावजूद इसके एटीएस को अलर्ट पर रखा गया और हर एंगल से जांच जारी है।
गणेश विसर्जन के मौके पर पहले से ही सुरक्षा एजेंसियां सतर्क थीं। शनिवार को अनंत चतुर्दशी पर लाखों लोगों की भीड़ उमड़ेगी। इस दौरान 21,000 से अधिक पुलिसकर्मी, बम निरोधक दस्ते और ड्रोन कैमरे निगरानी के लिए तैनात किए गए हैं। विसर्जन स्थलों, समुद्र तटों और भीड़भाड़ वाले इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था और मजबूत की गई है।
मुंबई पुलिस ने आरोपी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (Bharatiya Nyaya Sanhita) की धारा 196(1)(a)(b), 351(2), 351(3) और 351(4) के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस का कहना है कि आरोपी की हरकत ने पूरे शहर की सुरक्षा को खतरे में डाल दिया और लाखों लोगों को डर और अफवाह की स्थिति में झोंक दिया।
यह घटना एक खतरनाक प्रवृत्ति को उजागर करती है। निजी दुश्मनी के लिए मुस्लिम नाम का इस्तेमाल करना सिर्फ झूठे आरोप लगाने तक सीमित नहीं रहता बल्कि यह पूरे समुदाय को शक की निगाह से देखने का रास्ता भी खोल देता है। इस तरह की फर्जी धमकियां न केवल समाज में सांप्रदायिक तनाव बढ़ा सकती हैं बल्कि पुलिस संसाधनों को भी बेवजह व्यस्त कर देती हैं।
फिलहाल पुलिस अश्विनी से पूछताछ कर रही है और जांच यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या उसने पहले भी ऐसे फर्जी संदेश भेजे थे। अधिकारियों का मानना है कि सख्त कार्रवाई के बिना ऐसे मामले दोहराए जा सकते हैं। यह भी सवाल उठ रहा है कि जब कोई गैर-मुस्लिम व्यक्ति जानबूझकर मुस्लिम नाम का इस्तेमाल करता है तो समाज में नफरत और अविश्वास किस हद तक फैल सकता है।