62,000 करोड़ के घोटाले पर कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने बिहार सरकार को घेरा। अदानी समूह को 1 रुपये में ज़मीन देने के आरोप पर कहा — ये ‘डबल इंजन नहीं, डबल भ्रष्टाचार सरकार’ है। पवन खेड़ा ने सरकार से 10 सवाल पूछे। पढ़ें पूरी रिपोर्ट।
Qalam Times News Network
पटना | 7 नवम्बर 2025
पवन खेड़ा का आरोप — “62 हजार करोड़ का घोटाला और सरकार खामोश”
अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी के कार्यसमिति सदस्य और मीडिया एवं पब्लिसिटी विभाग के राष्ट्रीय चेयरमैन पवन खेड़ा ने बिहार सरकार पर 62,000 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगाते हुए कहा कि “अब वक्त आ गया है कि सरकार जनता के सामने जवाब दे।”
उन्होंने कहा कि यह सिर्फ कोई आर्थिक अनियमितता नहीं, बल्कि “बिहार की जनता के साथ विश्वासघात” है।
खेड़ा ने कहा, “अब वो दौर नहीं रहा कि मीडिया किसी हेडलाइन से सच्चाई छिपा दे। जो भी सच्चाई दिखाएगा, उसे हटाया जाएगा या दबा दिया जाएगा। लेकिन अब जनता सब समझ रही है।”
“मीडिया दबाव में, लेकिन सच्चाई अब घर-घर पहुंची”
पवन खेड़ा ने आरोप लगाया कि देश का मीडिया सरकारी दबाव में काम कर रहा है। उन्होंने कहा —
“PMO में एक मायावी हिरण है जिसने मीडिया का अपहरण कर लिया है। जो भी चैनल सच्चाई दिखाने की कोशिश करता है, उसे दबा दिया जाता है।”
उन्होंने कहा कि इसके बावजूद स्वतंत्र पत्रकारों ने “इस घोटाले की सच्चाई बिहार के घर-घर तक पहुंचा दी है।”
घोटाले का आरोप: 1 रुपये में 1050 एकड़ ज़मीन अदानी को
खेड़ा ने दावा किया कि बिहार सरकार ने भागलपुर के पीरपैंती में 1050 एकड़ बेशकीमती ज़मीन केवल 1 रुपये में अदानी समूह को दी।
उनका आरोप है कि बिहार के कोयले और संसाधनों से बनी बिजली को अब अदानी ग्रुप लगभग ₹7 प्रति यूनिट के हिसाब से राज्य को बेचेगा।
खेड़ा ने कहा, “जब भाजपा माँ के नाम पर बिहार बंद कर रही थी, तब किसान की माँ समान ज़मीन को 1 रुपये में सौंपा जा रहा था।”
आरके सिंह के बयान से कांग्रेस का दावा और मजबूत
कांग्रेस नेता ने कहा कि भाजपा के ही वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आर.के. सिंह ने खुद इस प्रोजेक्ट पर सवाल उठाकर इस घोटाले की पुष्टि कर दी है।
खेड़ा ने बताया कि “आर.के. सिंह के मुताबिक अदानी ग्रुप को यह टेंडर दिलाने के लिए केंद्र और राज्य स्तर पर नियमों को तोड़ा गया। अदानी को हर साल लगभग ₹25,000 करोड़ का मुनाफा होगा।”
SHAKTI नीति में बदलाव से हुआ घोटाला?
खेड़ा ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार ने मई से जुलाई 2025 के बीच SHAKTI नीति में संशोधन कर अदानी ग्रुप को फायदा पहुंचाया।
उन्होंने कहा कि “पहले सौर परियोजना को थर्मल में बदला गया, फिर कोयले की व्यवस्था के बिना टेंडर जारी किया गया, और पर्यावरणीय नियमों में ढील दी गई।”
नीतीश पर हमला — “भाजपा ने उनका मुंह बंद कर दिया”
खेड़ा ने कहा, “भाजपा ने पिछले एक साल से नीतीश जी का मुंह बंद करके रखा हुआ है। खाली फाइलों पर उनसे दस्तखत करवाए जाते हैं और फिर उन पर भाजपा अपने प्रोजेक्ट्स पास कर देती है।”
उन्होंने आरोप लगाया कि “बिहार में इस वक्त लूट और भ्रष्टाचार का खुला खेल चल रहा है।”
पवन खेड़ा के 10 सवाल सरकार से
पवन खेड़ा ने बिहार सरकार से 10 सवाल जनता के सामने रखे —
- क्या ऊर्जा मंत्रालय ने बिहार सरकार को सौर प्रोजेक्ट को थर्मल में बदलने का निर्देश दिया था?
- क्या इससे बिहार के Renewable Energy Target पर नकारात्मक असर नहीं पड़ा?
- बिना कोल लिंकेंज के थर्मल प्रोजेक्ट का टेंडर केंद्र सरकार के दबाव में जारी किया गया?
- क्या SHAKTI नीति में संशोधन अदानी को लाभ पहुंचाने के लिए किया गया?
- बिना कोयले की मंज़ूरी के टेंडर जारी करना नीति उल्लंघन नहीं था?
- क्या 11 जुलाई 2025 को उत्सर्जन मानकों में ढील अदानी के लिए दी गई?
- BSPGCL इंजीनियरों की समीक्षा याचिका वापस लेने के पीछे क्या दबाव था?
- बिना गंगा जल स्वीकृति के टेंडर कैसे जारी हुआ और फिर इसे केंद्रीय बजट में कैसे शामिल किया गया?
- ₹58.67 करोड़ जो पूर्व निर्माण कार्य पर खर्च हुआ — अब किस खाते में दर्ज है?
- क्या इस परियोजना का EIA और Cost-Benefit Analysis हुआ? क्या पर्यावरणीय नुकसान की समीक्षा की गई?
“डबल इंजन नहीं, डबल भ्रष्टाचार सरकार”
खेड़ा ने कहा —“यह ‘डबल इंजन सरकार’ नहीं बल्कि ‘डबल भ्रष्टाचार सरकार’ है। जनता के टैक्स से बनी ज़मीन और संसाधन निजी कंपनियों को सौंपे जा रहे हैं। कांग्रेस इस घोटाले को संसद से लेकर सड़क तक उठाएगी।”






