बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण की वोटिंग कल 6 नवंबर को होगी। 18 जिलों की 121 सीटों पर मतदाता तय करेंगे कई राजनीतिक दिग्गजों का भविष्य, जिनमें दो मुख्यमंत्री और तेजस्वी यादव भी शामिल हैं। पूरी रिपोर्ट पढ़ें Qalam Times News Network पर।
By Qalam Times News Network | पटना | 5 नवंबर 2025
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण की वोटिंग कल यानी 6 नवंबर (गुरुवार) को होगी। 18 जिलों की 121 विधानसभा सीटों पर मतदाता अपने पसंदीदा उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे। यह चरण कई राजनीतिक दिग्गजों के लिए निर्णायक साबित होने वाला है।
इस चरण में सत्ता और विपक्ष — दोनों के बड़े नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है, जिनमें दो मुख्यमंत्री, एक पूर्व उपमुख्यमंत्री और कई मंत्री शामिल हैं।
दो मुख्यमंत्री और तेजस्वी यादव की साख दांव पर
पहले चरण की वोटिंग में मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी (तारापुर) और मुख्यमंत्री विजय कुमार सिंह (लखीसराय) के साथ-साथ महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव (राघोपुर) की साख भी दांव पर है।
यह चरण न केवल इन नेताओं के राजनीतिक भविष्य का फैसला करेगा, बल्कि बिहार की सत्ता की दिशा भी तय करेगा।
सरकार के 14 मंत्री मैदान में
इस चरण में सरकार के कुल 14 मंत्री चुनाव मैदान में हैं। उनकी किस्मत अब जनता के वोट से तय होगी। इनमें प्रमुख नाम हैं —
- स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे (सिवान),
- जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी (सरायरंजन),
- राजस्व मंत्री संजय सरावगी (दरभंगा),
- पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन (बांकीपुर)।
वहीं विपक्ष की ओर से कई दिग्गज नेता और पूर्व मंत्री मैदान में हैं, जिनमें प्रो. त्रिपुरा शरण श्याम रजक (फुलवारी), रेणु देवी (बिहारीगंज) और पूर्व केंद्रीय मंत्री रामकृपाल यादव (दानापुर) के नाम विशेष रूप से चर्चा में हैं।
तीन दलों के प्रदेश अध्यक्ष भी मैदान में
पहले चरण की वोटिंग केवल मंत्रियों की परीक्षा नहीं, बल्कि तीन राजनीतिक दलों के प्रदेश अध्यक्षों के लिए भी अहम है —
- जदयू के उमेश सिंह कुशवाहा (मेह्नार),
- रालोमा के मदन चौधरी (पारू),
- आईआईपी के इंद्रजीत गुप्ता (सहरसा)।
इन तीनों की सीटों पर सियासी गर्मी अपने चरम पर है।
हॉट सीटों पर सबकी निगाहें
इस चरण में पटना, सहरसा, दरभंगा, सीवान, भोजपुर, बक्सर, मुजफ्फरपुर, सारण और वैशाली जैसे जिलों की सीटें चर्चा में हैं।
कई जगह मुकाबला बेहद कांटे का माना जा रहा है — खासकर सिवान, राघोपुर, बांकीपुर और लखीसराय जैसी सीटें राज्य की सियासी दिशा तय कर सकती हैं।
निर्णायक चरण, जनता की मर्जी पर सबकी नजर
राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, पहले चरण की वोटिंग सत्ता की दिशा तय करने वाली होगी।
यह चरण यह भी दिखाएगा कि बिहार की जनता बदलाव चाहती है या मौजूदा नेतृत्व में भरोसा रखती है।
अब सबकी निगाहें 6 नवंबर की सुबह से शाम तक चलने वाली मतदान प्रक्रिया पर टिकी हैं, जब लाखों मतदाता ईवीएम के बटन से नेताओं का भविष्य तय करेंगे।






