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मोकामा में बयान पर घिरे ललन सिंह, चुनाव आयोग के आदेश पर आचार संहिता उल्लंघन का मुकदमा दर्ज

मोकामा में चुनाव प्रचार के दौरान दिए गए विवादित बयान पर केंद्रीय मंत्री ललन सिंह के खिलाफ चुनाव आयोग के आदेश पर आचार संहिता उल्लंघन का मुकदमा दर्ज। आरजेडी सांसद मनोज झा ने चुनाव आयोग पर उठाए गंभीर सवाल। पूरी खबर पढ़ें Qalam Times News Network पर।

By Qalam Times News Network | पटना | 5 नवंबर 2025

पटना, 5 नवंबर (Qalam Times News Network)
जेडीयू के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन का मुकदमा दर्ज किया गया है। मामला मोकामा विधानसभा सीट से जुड़ा है, जहां उन्होंने प्रचार के दौरान ऐसा बयान दिया था जिसने राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है।
चुनाव आयोग के आदेश के बाद यह कार्रवाई की गई है। ललन सिंह के खिलाफ दर्ज यह मुकदमा अब एनडीए के लिए राजनीतिक असहजता का कारण बन गया है।

मोकामा में विवादित बयान से मचा बवाल

मोकामा विधानसभा उपचुनाव के दौरान जेडीयू प्रत्याशी अनंत सिंह के समर्थन में प्रचार करते हुए ललन सिंह ने कथित तौर पर कहा था —

“सब लोग अनंत बाबू बन जाएं, और किसी को घर से निकलने मत देना।”

इस बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही विपक्ष ने इसे लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर हमला बताया। मामला सामने आने के बाद चुनाव आयोग ने ललन सिंह से स्पष्टीकरण मांगा और जवाब असंतोषजनक मिलने पर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया।

राजनीतिक हलचल और विपक्ष का हमला

आरजेडी सांसद मनोज झा ने इस बयान को लेकर चुनाव आयोग पर सीधा सवाल दागा। उन्होंने कहा,

“मैं तो सीधा पूछता हूं — चुनाव आयोग है कहां? आप हैं भी या नहीं? अगर एक केंद्रीय मंत्री खुलकर कहे कि किसी को घर से निकलने मत देना, और फिर भी आयोग चुप रहे — तो निष्पक्ष चुनाव की बात कैसे की जा सकती है?”

मनोज झा ने आगे कहा कि “ललन सिंह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में हैं, और अगर ऐसे बयान पर प्रधानमंत्री भी चुप हैं, तो यह लोकतंत्र के लिए खतरनाक संकेत है।”

चुनाव आयोग की सख्ती और प्रशासनिक कार्रवाई

चुनाव आयोग ने कहा है कि किसी भी उम्मीदवार या प्रचारक को मतदाताओं को डराने-धमकाने का अधिकार नहीं है। आयोग ने इस बयान को “आचार संहिता का स्पष्ट उल्लंघन” माना और मोकामा थाना क्षेत्र में मामला दर्ज कराने का निर्देश दिया। सूत्रों के मुताबिक, ललन सिंह के बयान की वीडियोग्राफी और साक्ष्य एकत्रित किए गए हैं, जिन्हें आयोग को भेजा गया है। अब पुलिस इसकी विधिवत जांच करेगी।

एनडीए के लिए बढ़ी मुश्किलें

इस विवाद ने एनडीए के भीतर भी असहजता बढ़ा दी है। चुनाव प्रचार के अंतिम दौर में आए इस मामले ने विपक्ष को एक बड़ा हथियार दे दिया है। आरजेडी और कांग्रेस नेताओं ने कहा है कि “यह साफ तौर पर मतदाताओं को कैद करने और लोकतंत्र को कमजोर करने की साजिश है।” वहीं जेडीयू खेमे से आधिकारिक प्रतिक्रिया अभी तक नहीं आई है।

लोकतंत्र पर सवाल और निष्पक्षता की बहस

मनोज झा ने कहा कि “अगर इस तरह का बयान देने के बाद भी ललन सिंह के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं होती, तो निष्पक्ष चुनाव का दावा बेमानी है।”
उन्होंने कहा कि “बिहार की जनता लोकतंत्र के महत्व को समझती है, और वह डराने की राजनीति को कभी स्वीकार नहीं करेगी।”

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